assam ke paryatan sthal ,भारत के उत्तर-पूर्वी कोने में बसा असम, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और जैव विविधता से भरपूर एक ऐसा राज्य है जो हर यात्री को अपनी ओर आकर्षित करता है। ब्रह्मपुत्र की शांत लहरों से लेकर कामाख्या मंदिर की अध्यात्मिक ऊर्जा तक, असम में घूमने के लिए बहुत कुछ है। असम की राजधानी दिसपुर (गुवाहाटी के भीतर बसा ) है | असम की स्थापना 26 जनवरी 1950 (भारतीय गणराज्य का हिस्सा) को हुआ | असम का क्षेत्रफल लगभग 78,438 वर्ग किमी है | यहाँ की जनसंख्या लगभग 3.5 करोड़ (2021 के अनुमान अनुसार) है | यहाँ की राजकीय भाषा असमिया है | यहाँ कुछ दूसरी भाषाएँ भी बोली जाती है जैसे बोडो, बंगाली, हिंदी, अंग्रेज़ी आदि | यहाँ का राजकीय पक्षी सफ़ेद पंखों वाला डक (White-winged wood duck) है | यहाँ का राजकीय पशु एक सींग वाला गैंडा, राजकीय वृक्ष हूलोंग (Dipterocarpus retusus) और राजकीय पुष्प कपौ फूल (Foxtail Orchid) है | असम भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में बसा है। यह राज्य चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा है: जिसके उत्तर में भूटान और अरुणाचल प्रदेश, दक्षिण में मिज़ोरम और मेघालय, पूर्व में नागालैंड और मणिपुर, और पश्चिम में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमा है | ब्रह्मपुत्र नदी असम की जीवनरेखा है, जो राज्य को पूर्व से पश्चिम तक पार करती है। प्राचीन असम को ‘प्रागज्योतिषपुर’ और ‘कामरूप’ के नाम से जाना जाता था। यहाँ अहोम वंश ने लगभग 600 वर्षों तक शासन किया (1228-1826)। अंग्रेजों ने 1826 में असम पर कब्ज़ा किया (यंडाबू संधि के बाद)। 1947 में स्वतंत्र भारत का हिस्सा बना और 1950 में एक पूर्ण राज्य के रूप में घोषित हुआ। यहाँ का लोकनृत्य बिहू नृत्य, सत्त्रिया नृत्य (शास्त्रीय नृत्य) है | यहाँ की मुख्य फसलें चावल, चाय, जूट, सरसों है | भारत की कुल चाय उत्पादन का लगभग 50% से अधिक असम में होता है | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी बड़े स्तर पर होता है| हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग भी बहुत प्रसिद्ध हैं|असम के प्रमुख त्यौहार बोहाग बिहू: असम का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार, फसल कटाई और नववर्ष का प्रतीक, माघ बिहू और कांगली बिहू, दुर्गा पूजा, रथ यात्रा (बरपेटा), और अंबुबाची मेला (कामाख्या मंदिर में) हैं |

अगर आप असम की सैर (assam ke paryatan sthal) की योजना बना रहे हैं, तो ये 10 अद्भुत पर्यटन स्थल आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देंगे।
1. कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple), असम (assam ke paryatan sthal)

कामाख्या मंदिर नीलाचल पहाड़ी, गुवाहाटी, असम में बसा है | यह मंदिर देवी कामाख्या (शक्ति की देवी) को समर्पित करने के याद में बनाया गया है | यह शक्ति पीठ, तांत्रिक पूजा स्थल के लिए बनाया गया है | रत के 51 शक्ति पीठों में से एक, जहां देवी सती के योनि अंग के गिरने की मान्यता है। कामाख्या मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है और इसे तंत्र साधना का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब देवी सती का यज्ञ में आत्मदाह हुआ था, तब उनके शरीर के अंग पृथ्वी पर गिरे — और कामाख्या वह स्थान है जहाँ योनि गिरी थी। मूल मंदिर 8वीं-9वीं सदी में बना माना जाता है। वर्तमान ढांचा 16वीं सदी में कोच राजा नर नारायण द्वारा पुनर्निर्मित किया गया। यहाँ तांत्रिक पूजा पद्धति का पालन होता है, जिससे यह तंत्र साधकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मंदिर की वास्तुकला नागर शैली और स्थानीय असमी शिल्प कला का अद्भुत मिश्रण है। इसमें गुंबदनुमा छत, आंतरिक गर्भगृह, और जटिल नक्काशियाँ दिखाई देती हैं। गर्भगृह में कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि प्राकृतिक रूप से बनी योनि-आकार की चट्टान है, जिसे जलधारा से हमेशा नम रखा जाता है। यहाँ अंबुबाची मेला के समय लाखों श्रद्धालु और साधक तंत्र सिद्धियों के लिए आते हैं। मंदिर परिसर अब बहुत ही सुव्यवस्थित है — सीढ़ियाँ, रैम्प, पीने का पानी, और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। मोबाइल कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान अंदर ले जाना प्रतिबंधित है (कुछ हिस्सों में)। स्थानीय दुकानों में पूजा सामग्री, धार्मिक किताबें, और स्मृति चिह्न मिलते हैं। मंदिर के पास और गुवाहाटी में कई स्थानीय ढाबे, रेस्तरां और स्ट्रीट फूड की दुकानें हैं। स्थानीय स्वाद के लिए आप असमिया थाली, टेन्गा (खट्टा करी), पिठा (चावल से बनी मिठाई), और लाल चाय जरूर ट्राय करें। शुद्ध शाकाहारी भोजन मंदिर परिसर के पास भी उपलब्ध है।
ठहरने के स्थान (Accommodation)(assam ke paryatan sthal)
Hotel Shreemoyee Inn (नीलाचल हिल के पास), Kamakhya Grand Hotel, और Hotel Dynasty, Radisson Blu Guwahati, और अन्य लग्ज़री विकल्प |
टिप: अंबुबाची मेले के दौरान पहले से बुकिंग करना जरूरी है।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
देवी कामाख्या की पूजा और दर्शन
मंदिर परिसर में प्राचीन मूर्तियों और वास्तुकला को देखना
अंबुबाची मेले के दौरान साधुओं की साधना को देखना
नीलाचल पहाड़ी से गुवाहाटी शहर और ब्रह्मपुत्र नदी का सुंदर दृश्य देखना
आसपास के अन्य मंदिरों का दर्शन: बुबनेश्वरी मंदिर, तारा मंदिर, भैरव मंदिर
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
लगभग 1 दिन | अगर आप धार्मिक त्योहार (जैसे अंबुबाची मेला) में जा रहे हैं, तो 2-3 दिन का समय रखें।
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Nearby Attractions)
उमानंद मंदिर – ब्रह्मपुत्र नदी के बीचोंबीच द्वीप पर, असम स्टेट म्यूज़ियम, पॉबितोरा वाइल्डलाइफ सेंचुरी, पेकुअकुची हेरिटेज विलेज, ब्रह्मपुत्र रिवर क्रूज़, बशिष्ठ आश्रम और नवग्रह मंदिर |
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
- अक्टूबर से मार्च: मौसम सुहावना होता है
- जून (अंबुबाची मेला): यदि आप धार्मिक उत्सवों में रुचि रखते हैं
- मानसून (जुलाई-अगस्त) में यात्रा कठिन हो सकती है, बारिश ज्यादा होती है
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Guwahati International Airport)
दूरी: लगभग 20 किमी
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन
दूरी: लगभग 8 किमी
2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park)

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park), असम — भारत का एक प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्य है, जिसे खास तौर पर एक सींग वाले गैंडे (One-Horned Rhinoceros) के लिए जाना जाता है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1905 में की गई थी जब मैरी कर्ज़न (Lord Curzon की पत्नी) ने यहां एक सींग वाले गैंडे की दुर्लभता देखी। 1974 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला और 1985 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यह उद्यान ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ क्षेत्र में स्थित है और इसकी जैव विविधता इसे अद्वितीय बनाती है। असम की संस्कृति काजीरंगा में रच-बस गई है। स्थानीय जनजातियाँ अपने बांस के हस्तशिल्प, पारंपरिक परिधान और लोकगीतों के लिए जानी जाती हैं। यहाँ की प्रमुख कला बिहू (लोक नृत्य), असमिया बुनाई और हस्तशिल्प, और मिशिंग, करबी, बोडो है | यहां आप पारंपरिक असमिया भोजन का स्वाद ले सकते हैं, जैसे: थाली में चावल, मछली करी, टेंगा (खट्टी करी), एग प्लांट चटनी, बांस की कोपलों से बनी डिशेस (Bamboo Shoot Curry) आदि |
ठहरने के स्थान (Places to Stay)
Infinity Resort Kaziranga, Diphlu River Lodge, IORA – The Retreat और बजट के लिए गेस्टहाउस और होमस्टे भी मिल जाते हैं।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
जीप सफारी / हाथी सफारी – राइनो, हाथी, टाइगर, हिरण, पक्षी आदि को देखने के लिए, बर्ड वॉचिंग – काजीरंगा पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, लोकल ट्राइबल कल्चर टूर, ब्रह्मपुत्र नदी में बोटिंग, और ऑर्किड बायोडायवर्सिटी पार्क – 500+ ऑर्किड प्रजातियों का संग्रह |
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
2 से 3 दिन पर्याप्त होते हैं|
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions)(assam ke paryatan sthal)
काजीरंगा नेशनल पार्क सफारी जोन (Central, Western, Eastern Zones), काजीरंगा ऑर्किड एंड बायोडायवर्सिटी पार्क, कुबिलू नदी और ब्रह्मपुत्र तट, अग्निगढ़ पहाड़ी (नजदीक का पर्यटन स्थल) और बोरा चापोरी वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी |
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
नवंबर से अप्रैल
मानसून (जून-सितंबर) में पार्क बंद रहता है।
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
जोरोहाट एयरपोर्ट (Jorhat Airport) – लगभग 97 किमी
गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट – लगभग 217 किमी
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
फुरकाटिंग (Furkating Junction) – लगभग 75 किमी
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन – मुख्य स्टेशन (लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए)
और पढ़े : काजीरंगा के बारे में पूरी जानकारी
3. माजुली द्वीप (Majuli Island)(assam ke paryatan sthal)

ब्रह्मपुत्र नदी में बसा दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप। सांस्कृतिक समृद्धि और वैष्णव मठों के लिए प्रसिद्ध यह जगह बेहद शांतिपूर्ण है। माजुली द्वीप का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा है। शंकरदेव, जो कि वैष्णव धर्म के महान संत थे, उन्होंने यहीं से एको ईश्वरवाद (Neo-Vaishnavism) का प्रचार किया था। पहले माजुली लगभग 1,200 वर्ग किमी में फैला था, लेकिन ब्रह्मपुत्र नदी की कटाव से यह धीरे-धीरे घट रहा है। माजुली असम की सांस्कृतिक राजधानी है। यहां के सत्र (Satras) – वैष्णव मठ – सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र हैं। मुख्य सत्र: गरमुर सत्र, कमलाबाड़ी सत्र, आऊनिअती सत्र है | यहां शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, भजन, मास्क मेकिंग (मुखौटा कला), मिट्टी और बाँस की कारीगरी प्रसिद्ध है। माजुली में खाने का अनुभव बहुत ही स्थानीय और जैविक होता है। यहाँ के व्यंजन घूटि दाल, केसु के पात भाजी, ओलार तेंगा (खट्टी करी), लाल चावल, फरमेंटेड बांस शूट्स, स्मोक्ड फिश, लोकल एथनिक खाना, और चावल की बीयर जिसे अपोंग (Apong) कहा जाता है – बहुत लोकप्रिय है।
ठहरने के स्थान (Places to Stay)
यहां होमस्टे का कल्चर बहुत प्रसिद्ध है जिससे आप स्थानीय जीवन को पास से देख सकते हैं। कुछ अन्य जगह La Maison de Ananda (Homestay), Yggdrasill Bamboo कॉटेज, Dekasang माजुली , और बजट और मिड-रेंज लॉज भी उपलब्ध हैं।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
सत्र भ्रमण (Satras Tour) – धार्मिक, सांस्कृतिक स्थल, बोट राइड्स – ब्रह्मपुत्र नदी में, लोकल ट्राइबल विलेज विज़िट, साइकल टूर, बर्ड वॉचिंग, मुखौटा कला सीखना (Mask Making Workshop), और लोक नृत्य और संगीत प्रदर्शन देखना |
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
2 से 3 दिन
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions)
गरमुर सत्र, कमलाबाड़ी सत्र, आऊनिअती सत्र, सामागुड़ी सत्र (मास्क मेकिंग के लिए प्रसिद्ध), मिशिंग जनजातीय गाँव और ब्रह्मपुत्र नदी तट और घाट |
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
अक्टूबर से मार्च
मानसून में यात्रा से बचें क्योंकि ब्रह्मपुत्र में बाढ़ आ सकती है।
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
जोरोहाट एयरपोर्ट (Jorhat Airport) – लगभग 20-25 किमी दूर (इसके बाद फेरी से जाना होता है)
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
फुरकाटिंग जंक्शन या जोरोहाट रेलवे स्टेशन – यहां से सड़क और फेरी सेवा मिलती है।
4. शिवसागर (Sivasagar)

शिवसागर (पूर्व में रंगपुर) कभी अहोम साम्राज्य (13वीं से 19वीं सदी) की राजधानी था। अहोम वंश ने लगभग 600 वर्षों तक असम पर शासन किया और उन्होंने यहां कई मंदिर, तालाब, किले और भवन बनाए। शिवसागर नाम पड़ा यहां स्थित विशाल “शिव सागर तालाब” और उसके पास के शिव मंदिर के कारण। यहां की स्थापत्य कला में अहोम शैली, ब्रह्मी और हिंदू वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। संगीत, लोक नृत्य, और पारंपरिक त्योहार जैसे बिहू, रंगाली बिहू, और शिवरात्रि बड़े उत्सव के रूप में मनाए जाते हैं। अहोम जाति की वेशभूषा, आभूषण और हस्तकला भी विशेष हैं। शिवसागर में ऐतिहासिक इमारतें, पुराने मंदिर और किले आधुनिक शहर की हलचल के बीच एक सुंदर सामंजस्य बनाते हैं। शिक्षा और टूरिज्म के क्षेत्र में आधुनिकता की झलक मिलती है, लेकिन शहर का ऐतिहासिक स्वरूप अब भी संरक्षित है। यहाँ का स्थानीय भोजन असमिया थाली (चावल, दाल, सब्जी, मछली करी), ओलु टेंगा (खट्टी करी), स्मोक्ड फिश, बांस शूट्स की सब्ज़ी, देसी व्यंजन जैसे लाउ पिटिका, पोकोरी (पकौड़े), पारंपरिक मिठाई – पिथा, लारू, और चावल से बनी बीयर – “आपो” भी कुछ स्थानों पर परोसी जाती है।
ठहरने के स्थान (Places to Stay)
Hotel Shiva Palace, Hotel Piccolo, Hotel Brahmaputra और बजट होटलों के साथ-साथ कुछ होमस्टे भी उपलब्ध हैं।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
ऐतिहासिक स्थलों का दौरा – मंदिर, तालाब, महल | स्थानीय बाजार घूमना – हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्र खरीदें, शांति से तालाब के किनारे समय बिताना, फोटोग्राफी और हेरिटेज वॉक्स, और स्थानीय गाइड के साथ इतिहास को जानना |
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
1 से 2 दिन
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions)
शिवडोल मंदिर (Shivadol) – भगवान शिव को समर्पित विशाल मंदिर, विश्णुदोल और देवीडोल – क्रमशः विष्णु और दुर्गा के मंदिर, रंग घर – ऐतिहासिक एम्फीथिएटर, तलातल घर – भूमिगत सुरंगों वाला अहोम महल, करेंग घर – अहोम राजाओं का महल, शिव सागर तालाब (Borpukhuri) – विशाल कृत्रिम जलाशय, और चाराइदेव टीला (Charaideo Maidams) – अहोम राजाओं की समाधियाँ (असम के “पिरामिड”) |
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
अक्टूबर से मार्च | मानसून में बहुत अधिक वर्षा होती है, जिससे यात्रा कठिन हो सकती है।
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
जोरोहाट एयरपोर्ट (Jorhat Airport) – लगभग 75 किमी दूर | डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट – वैकल्पिक विकल्प, 90-100 किमी दूर |
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
शिवसागर टाउन रेलवे स्टेशन – मुख्य शहर से जुड़ा | सिमलूगुरी जंक्शन – मुख्य ट्रेनों के लिए, लगभग 15 किमी दूर
5. मानस राष्ट्रीय उद्यान (Manas National Park)
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, यह पार्क जैव विविधता से भरपूर है और यह रॉयल बंगाल टाइगर और गोल्डन लंगूर जैसे दुर्लभ प्रजातियों का घर है। मानस राष्ट्रीय उद्यान की शुरुआत 1928 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में हुई थी। 1985 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) का दर्जा मिला। यह उद्यान मानस नदी के किनारे बसा है, जो भूटान से निकलकर भारत में बहती है। यह पार्क असम और भूटान की सीमा पर स्थित है और दोनों देशों के बीच वन्यजीव गलियारे का कार्य करता है। यह Project Tiger, Elephant Reserve, और Biosphere Reserve तीनों का हिस्सा है – ऐसा बहुत कम जगहों में होता है। मानस क्षेत्र में खासकर बोडो जनजाति निवास करती है। उनकी संस्कृति में लोक संगीत, बांस और लकड़ी की कारीगरी, और पारंपरिक वस्त्र शामिल हैं। बोडो नृत्य, पर्व – जैसे बैसागु फेस्टिवल – बेहद रंगीन और जीवंत होते हैं। बोडो और असमिया भोजन का मिश्रण यहां मिलता है। यहाँ के प्रशिद्ध भोजन पिथा, घूटि दाल, माछ-भात (मछली-चावल), स्मोक्ड मीट, रेड एंट चटनी, बांस शूट करी , आपोंग (चावल से बनी देशी शराब)|
ठहरने के स्थान (Places to Stay)
Bansbari Lodge, Smiling Tusker Eco Camp, Florican Cottages, Musa Jungle Retreat और कुछ बजट गेस्टहाउस और होमस्टे भी स्थानीय लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
जीप और हाथी सफारी – बाघ, हाथी, गौर, सुनहरी लंगूर, हिरण आदि देखने के लिए, बर्ड वॉचिंग – 450+ पक्षी प्रजातियाँ, बोडो गाँव का दौरा – संस्कृति और हस्तशिल्प जानने के लिए, मानस नदी में बोट राइड / रिवर ट्रेल्स, फोटोग्राफी और नेचर वॉक और वन्यजीव संरक्षण केंद्रों का भ्रमण |
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
2 से 3 दिन
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions)
मानस टाइगर रिज़र्व ज़ोन, बोडो आदिवासी गाँव, मानस नदी किनारा, बांसबाड़ी रेंज – पर्यटन के लिए मुख्य ज़ोन, Bhutan Border Gate – सीमा क्षेत्र पर भ्रमण, Birdwatching Trails – खासकर पक्षी प्रेमियों के लिए |
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
नवंबर से अप्रैल | मानसून (मई से सितम्बर) में पार्क बंद रहता है और नदी में बाढ़ की संभावना होती है।
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Lokpriya Gopinath Bordoloi Airport) – लगभग 170 किमी दूर
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
Barpeta Road Railway Station – लगभग 20 किमी दूर
6. तेजपुर (Tezpur)
इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का संगम। यहाँ के खंडहर, उद्यान और ब्रह्मपुत्र नदी का नज़ारा मन मोह लेता है। तेजपुर का प्राचीन नाम शोणितपुर था और यह पौराणिक कथाओं में भी प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यहां पर शिव और असुरराजा बाणासुर के बीच भीषण युद्ध हुआ था, जिसमें रक्त की नदी बहने लगी थी, इसलिए इसे “तेजपुर” (तेज = रक्त) कहा गया। ऐतिहासिक दृष्टि से तेजपुर पाल वंश, अहोम वंश, और बाद में ब्रिटिश राज के दौरान महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्रशासनिक केंद्र रहा। तेजपुर असम का थिएटर और साहित्यिक केंद्र माना जाता है। यहां असमिया रंगमंच, नाट्य कला, बिहू नृत्य, और शास्त्रीय संगीत प्रमुख हैं। यहां एक ओर आपको प्राचीन मंदिर, रंगमंच, और ऐतिहासिक अवशेष मिलेंगे, तो दूसरी ओर कॉलेज, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कैफे और होटल्स भी। यहाँ का भोजन असमिया थाली – चावल, मछली करी, तेंगा (खट्टी दाल/सब्जी), भाजी, पोकोरी (पकौड़े), पिठा, लारू, और स्थानीय चाय के साथ स्नैक्स , मीठा: Til Pitha, Narikol Laru (नारियल लड्डू) |
ठहरने के स्थान (Places to Stay)
Hotel KRC Palace, Hotel Kalash, Hotel Pine Yard, Tourist Lodge (Assam Tourism Dept.) और साथ ही कुछ होमस्टे और एयरबीएनबी विकल्प भी हैं।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
ऐतिहासिक स्थलों और मंदिरों की यात्रा, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे टहलना और सनसेट देखना, छायाचित्रण (Photography) – प्राचीन अवशेष, प्रकृति और झीलें, स्थानीय संस्कृति का अनुभव – म्यूज़ियम और थिएटर, नेचर ट्रेल्स और पिकनिक – पार्क और झीलों के किनारे और स्थानीय बाजार से हस्तशिल्प और चाय खरीदना |
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
1 से 2 दिन
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions)
अग्निगढ़ (Agnigarh) – पौराणिक प्रेम कहानी का स्थान, ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित, महाभैरव मंदिर – शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर, कोले पार्क (Cole Park) – परिवार और बच्चों के लिए सुंदर पिकनिक स्थल, भैरवपद मंदिर, चिटालमारी झील (Chitralekha Udyan) – नौका विहार और गार्डन और दाफा पार्क, तेजपुर विश्वविद्यालय परिसर – शांत और हरियाली भरे क्षेत्र |
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
अक्टूबर से अप्रैल | गर्मी में गर्म और मानसून में अधिक बारिश हो सकती है।
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन / सिविल एयरपोर्ट (हालांकि सीमित फ्लाइट्स) | निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा: गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा – लगभग 170 किमी |
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
तेजपुर रेलवे स्टेशन – स्थानीय ट्रेनों के लिए |
बेहतर कनेक्टिविटी के लिए: रंगापाड़ा (Rangapara North Junction) – लगभग 30 किमी दूर
7. दीफू (Diphu)
कार्बी आंगलोंग जिले में स्थित यह हिल स्टेशन एक शांत और सुरम्य गंतव्य है, जो प्रकृति प्रेमियों को खास पसंद आता है। ब्रिटिश काल में यह एक छोटा प्रशासनिक केंद्र था, जो बाद में आधुनिक शिक्षा और प्रशासनिक संस्थाओं का गढ़ बना। दीफू का इतिहास मुख्य रूप से आदिवासी संस्कृति और पारंपरिक शासन प्रणाली से जुड़ा हुआ है। दीफू में कार्बी, डिमासा, कुकी, हेमर, नागा और अन्य जनजातियाँ निवास करती हैं। कार्बी यूथ फेस्टिवल – यह सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें जनजातीय लोक संस्कृति, संगीत, नृत्य और कला की झलक मिलती है। शहर में कॉलेज, विश्वविद्यालय, आर्ट गैलरी, पुस्तकालय और सांस्कृतिक भवन मौजूद हैं। आधुनिकता धीरे-धीरे पर्यटन, शिक्षा और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से बढ़ रही है। यहाँ का पारम्परिक भोजन चावल और स्मोक्ड मीट, बांस शूट करी, स्नेल करी, लाल चावल, अचार और जड़ी-बूटी की चटनियाँ, और लोकल चावल की बीयर – “Ju” या “Apong” भी कुछ क्षेत्रों में पिया जाता है। Til Pitha, Narikol Laru जैसे मीठे व्यंजन भी लोकप्रिय हैं। ठहरने के लिए जगह (Places to Stay) Hotel हेमफलोंग, The Highland रेजीडेंसी, Aurora होटल, Tourist Lodge (Assam Tourism), साथ ही कुछ हॉस्टल और होमस्टे भी गाँवों के पास उपलब्ध हैं, जहाँ आपको स्थानीय जीवनशैली का अनुभव मिलेगा।
करने के लिए चीजें (Things to Do)
लोकल जनजातीय गांवों का दौरा, नेचर वॉक और ट्रेकिंग, स्थानीय हस्तशिल्प और बाजार से शॉपिंग, कार्बी यूथ फेस्टिवल में भाग लेना (जनवरी में होता है), नेचर फोटोग्राफी, स्थानीय भोजन का स्वाद लेना, पर्यावरणीय और वन्यजीव भ्रमण – नजदीकी अभयारण्यों में |
घूमने की अवधि (Ideal Duration)
1 से 2 दिन
लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions)
Botanical Garden & Arboretum – प्रकृति प्रेमियों के लिए, District Museum – कार्बी संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है, Thengal Memorial Museum, Diphu Hills & Viewpoints – खूबसूरत सनसेट और फोटोग्राफी, Recho Waterfall (नजदीक का प्राकृतिक स्थल), Singhason Hills – ट्रेकिंग और रोमांच के लिए, Taralangso Cultural Complex – सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र, और Umwang Picnic Spot – प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर स्थान
यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
- नवंबर से मार्च – ठंडा, साफ मौसम और उत्सवों का समय
- जनवरी में कार्बी यूथ फेस्टिवल देखने के लिए सबसे अच्छा समय
- मानसून (जून से सितम्बर) में भारी वर्षा के कारण यात्रा कठिन हो सकती है।
निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport)
डिमापुर एयरपोर्ट (Dimapur Airport), नागालैंड – लगभग 60 किमी | जोरोहाट एयरपोर्ट – वैकल्पिक, लगभग 140 किमी |
निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)
दीफू रेलवे स्टेशन (Diphu Railway Station) – शहर का अपना स्टेशन है | यह गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, डिमापुर जैसे शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है।
8. हाफलोंग (Haflong)
असम का एकमात्र हिल स्टेशन। हरे-भरे पहाड़, झीलें और आदिवासी संस्कृति इसे खास बनाते हैं। हाफलोंग दिमा हासाओ जिले की राजधानी है और इसका नाम डिमासा भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है “ब्लू हिल”। यह क्षेत्र डिमासा काछारी जनजाति की ऐतिहासिक भूमि रही है। हाफलोंग एक बहु-जनजातीय क्षेत्र है, जहाँ डिमासा, जेम, कुक्की, नागा, हेमर, और कई अन्य जनजातियाँ निवास करती हैं। यहां की संस्कृति में रंगीन पोशाकें, लोक नृत्य, संगीत, और जनजातीय मेले शामिल हैं। यहाँ का पारम्परिक भोजन डिमासा व्यंजन जैसे – smoked pork, fish tenga (खट्टी मछली), बांस शूट्स की करी, local herbs की चटनी आदि | रुकने के लिए कुछ खास जगह हैं : Tourist Lodge Haflong (Assam Tourism), The Landmark होटल, Eastern कॉटेज , Nothao लॉज , कुछ होमस्टे भी हैं जो स्थानीय अनुभव देते हैं। यहाँ पर करने के लिए बहुत साडी चीजे हैं : हाफलोंग झील में बोटिंग और सनसेट देखना, डिमासा संस्कृति और गाँवों का दौरा, फोटोग्राफी – पहाड़, घाटियाँ, बादल और ट्रेन ट्रैक, Bird Watching और Nature वैक्स छोटी ट्रेकिंग और झरनों की खोज और स्थानीय बाज़ारों से हैंडीक्राफ्ट खरीदना
| यहाँ पर घूमने के लिए 2 से 3 दिन पर्याप्त है | यहाँ के लोकप्रिय पर्यटक स्थल : हाफलोंग झील – प्राकृतिक झील, बोटिंग और सुंदर दृश्य, बोरा पानी झील (Borail Range) – ट्रेकिंग और वनस्पति जीवन, मैलोंग गांव (Maibong) – प्राचीन डिमासा राजधानी और मंदिर, हाफलोंग रेलवे व्यूपॉइंट – मेघों के बीच से गुजरती ट्रेनें, Jatinga – रहस्यमयी बर्ड साइट जहां पक्षी आत्महत्या करते हैं (अक्टूबर-नवंबर में), और Umrangso – झरने और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के लिए प्रसिद्ध है | यहाँ पर यात्रा का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से अप्रैल – ठंडा, साफ मौसम और हरा-भरा वातावरण है | यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport) सिलचर एयरपोर्ट (Silchar Airport) – लगभग 100 किमी, वैकल्पिक: डिब्रूगढ़ या गुवाहाटी एयरपोर्ट (लंबी दूरी पर) है | यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station) हाफलोंग हिल रेलवे स्टेशन ब्रॉड गेज लाइन से गुवाहाटी, सिलचर, और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा, बेहद खूबसूरत ट्रेनों का रूट – पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है |
9. ऊमानंद द्वीप (Umananda Island)
ब्रह्मपुत्र नदी के बीचोंबीच स्थित यह दुनिया का सबसे छोटा नदी द्वीप है। यहाँ भगवान शिव को समर्पित ऊमानंद मंदिर है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने यहां “उमा” (पार्वती) के आनंद के लिए तपस्या की थी, इसलिए इसे “ऊमानंद” कहा गया – उमा + आनंद। यहाँ का मुख्य मंदिर है: ऊमानंद मंदिर (Umananda Temple), जिसे 1694 में अहोम राजा गदाधर सिंह ने बनवाया था। द्वीप पर ब्रिटिश काल में एक छोटी सी विद्युत परियोजना भी शुरू की गई थी, जिसकी पुरानी संरचनाएँ अभी भी मौजूद हैं। यह द्वीप मुख्यतः धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का केंद्र है। यहां शिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। द्वीप की संरचना पारंपरिक बनी हुई है, लेकिन पर्यटन के चलते यहाँ फेरी सेवाएँ, गाइड, फोटोग्राफी प्वाइंट्स और साफ-सफाई जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की गई हैं। द्वीप पर भोजन की सीमित सुविधा है, लेकिन गुवाहाटी में फेरी पॉइंट के पास कई असमिया और स्ट्रीट फूड स्टॉल मिलते हैं: माछ-भात (मछली-चावल), पिठा, घूटि दाल, बांस शूट करी, और चाय के साथ लोकल स्नैक्स। यहाँ ठहरने के लिए कुछ अच्छी जगह है : Radisson ब्लू, Hotel Prag कॉन्टिनेंटल, Hotel राजमहल और Budget stays near Fancy Bazaar and Pan बाजार | यहाँ पर करने के लिए पर्याप्त चीजे है जैसे : ऊमानंद मंदिर दर्शन, ब्रह्मपुत्र नदी में फेरी बोट की सवारी, प्रकृति और पक्षियों का अवलोकन, सूर्यास्त का आनंद – बहुत ही सुंदर दृश्य होता है, फोटोग्राफी – मंदिर, ब्रह्मपुत्र, और शहर का दृश्य, और धार्मिक और ऐतिहासिक जानकारी लेना स्थानीय गाइड से | यहाँ पर घूमने के लिए 2 से 3 घंटे पर्याप्त है | यहाँ के लोकप्रिय पर्यटक स्थल : Umananda Temple (द्वीप पर मुख्य आकर्षण), Fancy Bazaar और Pan Bazaar (खरीदारी और भोजन के लिए), Assam State म्यूजियम, Nehru Park, Srimanta Sankardev कलाक्षेत्र, Kamakhya Temple (ऊमानंद के पास मुख्य शक्ति पीठ), Sunset Cruise on ब्रह्मपुत्र | यहाँ पर घूमने का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च है | यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Guwahati Airport) – लगभग 25 किमी | यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station)गुवाहाटी रेलवे स्टेशन (Guwahati Junction) – लगभग 5 किमी | यहां से फेरी पॉइंट (Uzan Bazar Ghat या Kachari Ghat) आसानी से टैक्सी/ऑटो से पहुँच सकते हैं। यहाँ स्वर्णलंगूर (Golden Langur) भी देखने को मिलते हैं – जो एक दुर्लभ प्रजाति है। बोटिंग करते हुए ब्रह्मपुत्र का शांत सौंदर्य देखना एक अद्भुत अनुभव होता है।
10. डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान (Dibru-Saikhowa National Park)
पक्षी प्रेमियों और जीव-जंतु देखने के शौकीनों के लिए एक आदर्श स्थान। यहाँ डॉल्फ़िन भी देखी जा सकती हैं। डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना ब्रह्मपुत्र और लोहित नदियों के संगम क्षेत्र में की गई थी। इसे मूलतः वन्यजीव अभयारण्य के रूप में 1986 में घोषित किया गया था और बाद में 1999 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। इसका उद्देश्य दुर्लभ प्रजातियों जैसे फेरल हॉर्स (Feral Horses) और होलॉक गिब्बन की रक्षा करना है। इसका क्षेत्रफल लगभग 340 वर्ग किमी है | यह क्षेत्र आदिवासी जनजातियों जैसे मिशिंग, मोरान, मैथन और बोरों की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। लोक संगीत, नृत्य और पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे बांस और बुनाई की कला यहाँ की खासियत है। पारंपरिक असमिया भोजन जैसे टेंगा (खट्टी मछली करी), पिठा, लाल चाय, और बांबू शूट करी लोकप्रिय हैं। यहाँ पर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन मिलते है | तिनसुकिया में कई होटल, लॉज, होमस्टे उपलब्ध हैं, जिसमे आप ठहर सकते हैं। कुछ इको-रिजॉर्ट्स भी पास के इलाकों में हैं और पर्यटन विभाग द्वारा संचालित रेस्ट हाउस भी मौजूद हैं। यहाँ पर आप बर्ड वॉचिंग: 300+ पक्षी प्रजातियाँ जैसे व्हाइट-विंग्ड वुड डक, ग्रेट हॉर्नबिल, आदि देख सकते हैं | बोट सफारी: ब्रह्मपुत्र नदी में नाव की सवारी, फोटोग्राफी और नेचर वॉक कर सकते हैं | डॉल्फिन देखना: इरावदी डॉल्फिन को देख सकते हैं। फेरल हॉर्सेस और अन्य वन्य जीवों का अवलोकन कर सकते है | यहाँ घूमने के लिए 1 से 2 दिन पर्याप्त है | यहाँ के लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Popular Tourist Attractions Nearby): मागुरी बील (Maguri Beel): बर्ड वॉचिंग के लिए प्रसिद्ध, जोयपुर रिज़र्व फ़ॉरेस्ट , दिहिंग पटकाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी, नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान (थोड़ा दूर, लेकिन एक और सुंदर स्थान), और ब्रह्मपुत्र नदी में सनसेट बोटिंग है | यात्रा का सर्वोत्तम समय नवंबर से अप्रैल है | यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा (Nearest Airport): डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा (Dibrugarh Airport) – लगभग 40-45 किमी दूर टैक्सी या बस से आसानी से तिनसुकिया और फिर पार्क तक पहुँचा जा सकता है। यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station): तिनसुकिया जंक्शन (Tinsukia Junction) – लगभग 12-15 किमी दूर है | यह स्टेशन गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और देश के अन्य हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
असम पहुँचने का परिवहन (ट्रांसपोर्टेशन) और रेस्टोरेंट का बजट
खर्च का प्रकार | विवरण | अनुमानित लागत (प्रति व्यक्ति) | टिप्पणियाँ |
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यात्रा (ट्रांसपोर्टेशन) | |||
फ्लाइट (दिल्ली से गुवाहाटी) | एक तरफ का किराया (इकोनॉमी) | ₹4,000 – ₹7,000 | ऑफ-सीजन में सस्ते दाम मिल सकते हैं |
ट्रेन (दिल्ली से गुवाहाटी) | स्लीपर / 3AC | ₹900 – ₹2,500 | समय ज़्यादा लगता है (30+ घंटे) |
बस / टैक्सी (गुवाहाटी से आस-पास) | लोकल भ्रमण | ₹500 – ₹1,500/दिन | डेस्टिनेशन पर निर्भर करता है |
खाना (रेस्टोरेंट बजट) | |||
लोकल स्ट्रीट फूड | स्नैक्स, चाय आदि | ₹100 – ₹200/दिन | असमिया स्ट्रीट फूड बहुत लोकप्रिय है |
मिड-रेंज रेस्टोरेंट | दो समय का खाना | ₹400 – ₹800/दिन | 2 व्यक्तियों के लिए |
हाई-एंड रेस्टोरेंट | बढ़िया रेस्टोरेंट में डिनर | ₹1000 – ₹2000+ | इच्छानुसार खर्च बढ़ सकता है |
कुल अनुमानित न्यूनतम बजट (2 दिन के लिए): ₹6,000 – ₹10,000 प्रति व्यक्ति
निष्कर्ष
असम प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य जीवन, सांस्कृतिक विरासत, और धार्मिक महत्व का अनोखा संगम प्रस्तुत करता है। काज़ीरंगा के एक सींग वाले गैंडे से लेकर माजुली के शांत नदी-द्वीप तक, और कामाख्या मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति से लेकर हाफलांग की पहाड़ियों तक — असम हर प्रकार के सैलानी को कुछ न कुछ खास अनुभव प्रदान करता है।
FAQ
क्यों Kaziranga राष्ट्रीय उद्यान असम का सबसे प्रसिद्ध स्थल है?
Ans. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम का सबसे प्रसिद्ध स्थल इसलिए है क्योंकि यह एक सींग वाले गैंडों (Indian One-Horned Rhinoceros) का दुनिया का सबसे बड़ा निवास स्थान है, जहाँ इनकी सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है | इसके अलावा, काजीरंगा में बाघ, हाथी, जंगली भैंसे, दलदली हिरण, और 500 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं, जिससे यह जैव विविधता का हॉटस्पॉट बन जाता है| काजीरंगा को बाघ अभयारण्य (Tiger Reserve) का दर्जा भी मिला हुआ है, और यह जंगल सफारी के लिए भी प्रसिद्ध है|