khajuraho paryatan sthal: खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है, जो अपनी प्राचीन और सुंदर मंदिरों के समूह के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। यह स्थल खासकर कामुक मूर्तिकला और नग्न कलाकृतियों के कारण जाना जाता है, जो मंदिरों की दीवारों पर बेहद कलात्मक ढंग से बनाई गई हैं। खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ई. से 1050 ई. के बीच चंदेल वंश के राजाओं द्वारा कराया गया था। यहाँ के मंदिर नागर शैली की वास्तुकला में बने हैं, जो भारतीय मंदिर निर्माण की एक प्रमुख शैली है। पत्थर की नक्काशी और गहराई से उकेरी गई मूर्तियाँ इनकी खासियत हैं। कभी खजुराहो में लगभग 85 मंदिर थे, लेकिन आज केवल 20 से 25 मंदिर ही सुरक्षित हैं। ये मंदिर हिंदू और जैन धर्म दोनों से संबंधित हैं। खजुराहो के मंदिरों को 1986 में UNESCO World Heritage Site का दर्जा मिला। खजुराहो न केवल भारत, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। हर साल यहाँ खजुराहो डांस फेस्टिवल का आयोजन होता है, जिसमें देशभर के कलाकार हिस्सा लेते हैं।
खजुराहो (मध्य प्रदेश) पहुँचने का यातायात (ट्रांसपोर्ट) और रेस्तरां (खाना) का अनुमानित बजट एक दिन के लिए
कहाँ से (शहर) | यात्रा का माध्यम | आवागमन खर्च (एक तरफ़) | खाने का खर्च (प्रति दिन) | कुल अनुमानित बजट (1 दिन) |
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दिल्ली | ट्रेन (स्लीपर/3AC) / बस | ₹500 – ₹1200 | ₹400 – ₹600 | ₹900 – ₹1800 |
लखनऊ | ट्रेन / बस | ₹400 – ₹800 | ₹400 – ₹600 | ₹800 – ₹1400 |
ग्वालियर | ट्रेन / बस | ₹200 – ₹400 | ₹400 – ₹600 | ₹600 – ₹1000 |
भोपाल | ट्रेन / बस | ₹300 – ₹600 | ₹400 – ₹600 | ₹700 – ₹1200 |
वाराणसी | ट्रेन / बस | ₹400 – ₹700 | ₹400 – ₹600 | ₹800 – ₹1300 |
मुंबई | ट्रेन (3AC) / फ्लाइट | ₹1300 – ₹4000 | ₹400 – ₹600 | ₹1700 – ₹4600 |
कोलकाता | ट्रेन (3AC) / फ्लाइट | ₹1000 – ₹3500 | ₹400 – ₹600 | ₹1400 – ₹4100 |
1. खजुराहो का इतिहास: (khajuraho paryatan sthal)

‘खजुराहो‘ नाम ‘खजूर‘ (खजूर के पेड़) से बना है। माना जाता है कि पहले इस स्थान के चारों ओर खजूर के पेड़ बहुत अधिक थे, इसलिए इसे खजुरवाहिका कहा गया, जो धीरे-धीरे ‘खजुराहो’ बन गया। खजुराहो का स्वर्णिम इतिहास चंदेल वंश से जुड़ा है। इस वंश ने 9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच यहाँ भव्य मंदिरों का निर्माण कराया। चंदेल राजाओं ने धर्म, कला और वास्तुकला को बहुत बढ़ावा दिया। 13वीं शताब्दी के बाद मुगल आक्रमणों के चलते खजुराहो उपेक्षित हो गया। जंगलों में छिपे ये मंदिर सदियों तक गुमनाम रहे। 1838 ई. में ब्रिटिश सर्वेक्षक टी.एस. बर्ट (T.S. Burt) ने इन मंदिरों को फिर से खोजा। इसके बाद दुनिया की नज़र इस अद्भुत धरोहर पर पड़ी।
2. खजुराहो पर्यटन स्थल (khajuraho paryatan sthal): जानें 15 शानदार जगहों की खूबियाँ
खजुराहो में घूमने वाले 15 ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रही हूँ जो बहुत ही आकर्षक है | इस लेख में यहाँ के मंदिर , यहाँ के भोजन, रेस्टोरेंट , नजदीकी रेलवे स्टेशन आदि के बारे में सारणी के द्वारा दर्शया गया है | यहाँ के 15 पर्यटक स्थल ये हैं : कंदरिया महादेव मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, देवी जगदम्बिका मंदिर, छत्रभुज मंदिर, दुलदेव मंदिर, पार्श्वनाथ जैन मंदिर, आदिनाथ मंदिर, शांति नाथ मंदिर, खजुराहो संग्रहालय (Archaeological Museum), रानेह फॉल्स (Raneh Falls), पन्ना टाइगर रिजर्व, बामन मंदिर समूह, जवाहर कला केंद्र (Khajuraho Art Center), और खजुराहो डांस फेस्टिवल |
2.1. कंदरिया महादेव मंदिर
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो का सबसे प्रसिद्ध और भव्य मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह चंदेल वंश की स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण माना जाता है। यह मंदिर अपनी ऊँचाई, मूर्तिकला और वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर चंदेल वंश के राजा विद्याधर द्वारा 11वीं शताब्दी (1025-1050 ई.) में बनवाया गया था। मंदिर की ऊँचाई लगभग 31 मीटर है और इसकी दीवारों पर लगभग 800 से अधिक सुंदर मूर्तियाँ बनाई गई हैं। मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में है, जो मध्यकालीन भारतीय मंदिर निर्माण का श्रेष्ठ उदाहरण है। इसकी दीवारों पर देवी-देवताओं, अप्सराओं, प्रेम दृश्य, संगीत और नृत्य से जुड़े अनेक जीवन दृश्य अंकित हैं। इसकी पूरी जानकारी सरणी में दी जा रही :
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | कंदरिया महादेव मंदिर |
स्थान | खजुराहो, छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | 1025–1050 ई. (चंदेल वंश) |
समर्पित देवता | भगवान शिव |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
प्रमुख आकर्षण | 800+ मूर्तियाँ, ऊँचाई 31 मीटर |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (5 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (4-5 किमी) |
स्थानीय भोजन | दाल बाटी, पोहा, जलेबी, स्ट्रीट फूड |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Maharaja Café |
समय | सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.2 लक्ष्मण मंदिर(Lakshmana Temple)(khajuraho paryatan sthal)
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह का एक प्रमुख मंदिर है और भगवान विष्णु को समर्पित है। यह खजुराहो का सबसे प्राचीन और वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है।
इस मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के राजा यशोवर्मन ने लगभग 930-950 ई. में करवाया था। यह मंदिर खासतौर पर अपनी नक्काशी, मूर्तियों की गहराई, और नागर शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की चार-मुखी मूर्ति स्थापित है। बाहरी दीवारों पर रामायण, महाभारत, समाजिक और कामकला से जुड़ी मूर्तियाँ हैं। यह मंदिर पूरी तरह सैंडस्टोन (बलुआ पत्थर) से बना है।
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | लक्ष्मण मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | 930–950 ई. |
निर्माता | राजा यशोवर्मन (चंदेल वंश) |
समर्पित देवता | भगवान विष्णु |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
प्रमुख आकर्षण | विष्णु की मूर्ति, नक्काशी, धार्मिक कथाएँ |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (5 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (4-5 किमी) |
स्थानीय भोजन | दाल बाटी, पोहा-जलेबी, स्ट्रीट फूड |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Agrasen Restaurant |
समय | सुबह 6:00 से शाम 6:00 |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.3. विश्वनाथ मंदिर(Vishwanath Temple)(khajuraho paryatan sthal)
विश्वनाथ मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह का एक प्रमुख मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है और इसे चंदेल शासक धंगदेव द्वारा 1002 ईस्वी में बनवाया गया था। यह मंदिर अपनी अद्भुत नागर शैली की वास्तुकला, बारीक नक्काशी और नंदी मंडप (जहाँ नंदी बैल की मूर्ति है) के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की दीवारों पर शिव-पार्वती, देवी-देवताओं, अप्सराओं, गंधर्वों और जीवन के विभिन्न दृश्य दर्शाए गए हैं।
संपूर्ण जानकारी
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | विश्वनाथ मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | लगभग 1002 ई. |
निर्माता | राजा धंगदेव (चंदेल वंश) |
समर्पित देवता | भगवान शिव |
प्रमुख मूर्तियाँ | शिव, नंदी, देवी-देवता, अप्सराएँ |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (5 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (4.5 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, स्ट्रीट फूड |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky, Maharaja Café |
समय | सुबह 6:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.4. देवी जगदम्बिका मंदिर(Devi Jagadambi Temple)
देवी जगदम्बिका मंदिर, खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर देवी पार्वती (या दुर्गा) को समर्पित है, जिन्हें यहाँ जगदम्बिका (विश्व की माता) के रूप में पूजा जाता है।
यह मंदिर अपनी अद्भुत नक्काशी, सुंदरता और स्त्री सौंदर्य की बारीक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इसकी दीवारों पर नृत्य करती अप्सराएँ, कामुक मूर्तियाँ और धार्मिक प्रतीक बनाये गए हैं। मंदिर का गर्भगृह देवी जगदम्बा की मूर्ति से सुसज्जित है। यह मंदिर छोटा लेकिन सबसे सुंदर रूप से सजा हुआ माना जाता है। यह UNESCO विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | देवी जगदम्बिका मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | लगभग 1000–1025 ई. |
निर्माता | चंदेल वंश |
समर्पित देवी | देवी पार्वती/जगदम्बा |
प्रमुख मूर्तियाँ | अप्सराएँ, देवी मूर्तियाँ, स्त्री सौंदर्य |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (5 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (4-5 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, स्ट्रीट फूड |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 6:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.5 छत्रभुज मंदिर(Chaturbhuj Temple)
छत्रभुज मंदिर खजुराहो के दक्षिणी मंदिर समूह में बसा एक अनोखा मंदिर है। यह मंदिर भगवान विष्णु के छत्रभुज (चार भुजाओं वाले) रूप को समर्पित है।
यह मंदिर खास इसलिए भी है क्योंकि यह खजुराहो का एकमात्र मंदिर है जिसमें कोई कामुक मूर्तियाँ नहीं हैं। इसकी शुद्ध धार्मिकता, वास्तुकला और विष्णु प्रतिमा इसे अनोखा बनाती है। भगवान विष्णु की इतनी ऊँची और प्रभावशाली प्रतिमा अन्यत्र दुर्लभ है। यह मंदिर उन पर्यटकों के लिए विशेष है जो धार्मिक शांति और कामुकता से मुक्त कला का अनुभव करना चाहते हैं। मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत, आध्यात्मिक और ध्यान हेतु योग्य है।
और पढ़े : छत्रभुज मंदिर के बारे में पूरी जानकारी
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | छत्रभुज मंदिर |
स्थान | दक्षिणी मंदिर समूह, खजुराहो, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | लगभग 1100 ईस्वी |
निर्माता | चंदेल वंश |
समर्पित देवता | भगवान विष्णु (छत्रभुज रूप) |
प्रमुख विशेषता | 9 फीट ऊँची विष्णु मूर्ति, कोई कामुक मूर्ति नहीं |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (6 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (6-7 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, दाल बाटी, समोसा, खजुराहो थाली |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Maharaja Café |
समय | सुबह 6:00 – शाम 6:00 |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- (या मुफ्त) |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- (या मुफ्त) |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.6. दुलदेव मंदिर(Duladeo Temple)
दुलदेव मंदिर खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह में बसा एक अत्यंत सुंदर और ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चंदेल काल की उत्कृष्ट वास्तुकला का उदाहरण दर्शाता है |
मंदिर की दीवारों पर शिव-पार्वती, नंदी, और दैनिक जीवन के दृश्य बनाये गए हैं। यहाँ भगवान शिव की मूर्ति को प्रमुख स्थान पर रखा गया है।
यह मंदिर खजुराहो के अन्य मंदिरों से थोड़ा हटकर है क्योंकि इसका आकार छोटा है, लेकिन इसकी नक्काशी और डिज़ाइन बहुत ही आकर्षक और अनूठा है।
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | दुलदेव मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | 10वीं-11वीं शताब्दी |
समर्पित देवता | भगवान शिव |
प्रमुख मूर्तियाँ | भगवान शिव, नंदी की मूर्तियाँ |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (5 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (5 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, स्ट्रीट फूड |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 6:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.7. पार्श्वनाथ जैन मंदिर(Parshvanath Jain Temple)
पार्श्वनाथ जैन मंदिर खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान पार्श्वनाथ (जिन्हें जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर के रूप में पूजा जाता है) को समर्पित है। मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की रूप व मुद्रा में स्थापित मूर्ति है, जो बहुत ही सुंदर और शांतिपूर्ण है।
इस मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर और अद्भुत है, जिसमें जैन धर्म के प्रतीक और धार्मिक चित्रण की नक्काशी की गई है। यह मंदिर खजुराहो के अन्य मंदिरों से वास्तुकला की दृष्टि से थोड़ी अलग है, और इसे जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है।
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | पार्श्वनाथ जैन मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | लगभग 950-1050 ईस्वी |
समर्पित देवता | भगवान पार्श्वनाथ (जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर) |
प्रमुख मूर्तियाँ | भगवान पार्श्वनाथ की पत्थर से बनी मूर्ति |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (6 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (6 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, जैन शाकाहारी थाली |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 6:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.8. आदिनाथ मंदिर(Adinath Temple)
आदिनाथ मंदिर खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह में स्थित एक महत्वपूर्ण जैन मंदिर है। यह मंदिर भगवान आदिनाथ (जिन्हें जैन धर्म के पहले तीर्थंकर के रूप में पूजा जाता है) को समर्पित है। यह मंदिर अपने अद्वितीय वास्तुकला और उत्कृष्ट नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थित है, जिसे बहुत सुंदर और शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिष्ठित किया गया है।इस मंदिर की दीवारों पर जैन धर्म की धार्मिक चित्रकला, नक्काशी, और प्रतीक बनाये गए हैं।
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | आदिनाथ मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | लगभग 10वीं-11वीं शताब्दी |
समर्पित देवता | भगवान आदिनाथ (जैन धर्म के पहले तीर्थंकर) |
प्रमुख मूर्तियाँ | भगवान आदिनाथ की पत्थर से बनी मूर्ति |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (6 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (6 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, जैन शाकाहारी थाली |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 6:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.9. शांति नाथ मंदिर(Shantinath Temple)(khajuraho paryatan sthal)
शांति नाथ मंदिर खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह में स्थित एक प्रमुख जैन मंदिर है, जो भगवान शांति नाथ (जिन्हें जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर के रूप में पूजा जाता है) को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला, नक्काशी और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान शांति नाथ की प्रतिमा स्थित है, और इसकी दीवारों पर जैन धर्म के धार्मिक दृश्य बनाये गए हैं।मंदिर का वातावरण शांतिपूर्ण और ध्यान के लिए उपयुक्त है। यह मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
विषय | विवरण |
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मंदिर का नाम | शांति नाथ मंदिर |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | लगभग 10वीं-11वीं शताब्दी |
समर्पित देवता | भगवान शांति नाथ (जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर) |
प्रमुख मूर्तियाँ | भगवान शांति नाथ की पत्थर से बनी मूर्ति |
वास्तुकला शैली | नागर शैली |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (6 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (6 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, जैन शाकाहारी थाली |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 6:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹40/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹600/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.10. खजुराहो संग्रहालय (Archaeological Museum)
खजुराहो संग्रहालय (Archaeological Museum) खजुराहो के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संग्रहालय खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिरों और उनके इतिहास को प्रदर्शित करता है। संग्रहालय में विभिन्न पत्थर की मूर्तियाँ, नक्काशी, और प्राचीन चित्रकला के अद्भुत उदाहरण रखे गए हैं, जो खजुराहो के इतिहास और कला को समझने में मदद करते हैं।
यह संग्रहालय मध्यकालीन भारतीय कला और जैन धर्म के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है और पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
विषय | विवरण |
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संग्रहालय का नाम | खजुराहो संग्रहालय (Archaeological Museum) |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
निर्माण काल | 1967 में स्थापित |
संग्रहालय की मुख्य वस्तुएँ | प्राचीन मूर्तियाँ, नक्काशी, शिलालेख, ऐतिहासिक चित्रकला |
वास्तुकला शैली | पारंपरिक भारतीय वास्तुकला |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (5 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (5 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, जैन शाकाहारी थाली |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 9:00 AM – शाम 5:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹10/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹250/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
2.11. रानेह फॉल्स (Raneh Falls) (khajuraho paryatan sthal)
रानेह फॉल्स खजुराहो से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक जलप्रपात है, जो कन्हा नदी पर स्थित है। यह जलप्रपात खजुराहो के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और विशेष रूप से अपनी प्राकृतिक सुंदरता, गहरे पानी की धार, और पठारी इलाकों के लिए प्रसिद्ध है।
khajuraho paryatan sthal: रानेह फॉल्स अपने गहरे घाटियों, पानी के गिरने के दृश्य, और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह स्थान वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और प्राकृतिक पर्यटन के लिए आदर्श है।
विषय | विवरण |
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जलप्रपात का नाम | रानेह फॉल्स |
स्थान | खजुराहो, जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश |
जलप्रपात की ऊँचाई | 45 फीट |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | खजुराहो रेलवे स्टेशन (20 किमी) |
नजदीकी हवाई अड्डा | खजुराहो एयरपोर्ट (20 किमी) |
स्थानीय व्यंजन | पोहा, कचौरी, दाल बाटी, जैन शाकाहारी थाली |
प्रसिद्ध रेस्टोरेंट | Raja Café, Blue Sky Restaurant |
समय | सुबह 8:00 AM – शाम 6:00 PM |
प्रवेश शुल्क (भारतीय) | ₹10/- |
प्रवेश शुल्क (विदेशी) | ₹100/- |
बच्चे (15 वर्ष तक) | निःशुल्क |
12. पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve)
पन्ना टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के खजुराहो से लगभग 25 किमी दूर स्थित एक प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है, जो विश्व धरोहर स्थल कांची नदी के पास बसा हुआ है। यह टाइगर रिजर्व शेर, बाघ, तेंदुआ, और अन्य वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे खास बात यह है कि यहाँ टाइगर्स की संख्या का पुनर्निर्माण हुआ है, जिससे यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यावरणीय संरक्षित क्षेत्र बन गया है।
पन्ना टाइगर रिजर्व का क्षेत्र 543.05 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यहाँ की हरियाली, जंगल, और नदी इस क्षेत्र को प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बनाती हैं। इस अभयारण्य में आप सफारी के जरिए बाघों और अन्य वन्य जीवों को देख सकते हैं, जो एक रोमांचक अनुभव होता है।
13. बामन मंदिर समूह (Baman Temple Group)
बामन मंदिर समूह खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के नजदीक स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। इस मंदिर समूह को ब्रह्मा और विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। बामन मंदिर समूह में कुल चार मंदिर हैं, जो एक दूसरे के निकट स्थित हैं। इनमें से कुछ मंदिरों में विष्णु और ब्रह्मा की मूर्तियाँ स्थापित हैं, जबकि कुछ मंदिरों में हिंदू देवताओं के चित्रकला और नक्काशी देखने को मिलती है।
यह समूह खजुराहो के प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों में से एक है, जो हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। बामन मंदिर की वास्तुकला हिंदू शैली में बनी हुई है, जिसमें चतुष्कोणीय संरचना और अति सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है।
14. जवाहर कला केंद्र(Khajuraho Art Center)
khajuraho paryatan sthal: जवाहर कला केंद्र खजुराहो का एक प्रमुख सांस्कृतिक स्थल है, जो खजुराहो के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रकट करता है। यह केंद्र हस्तशिल्प, लोक कला, और स्थानीय कारीगरी का अद्भुत संग्रह है। यहाँ आप खजुराहो के पारंपरिक नृत्य कला, चित्रकला, और हस्तनिर्मित कृतियाँ देख सकते हैं, जो स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई जाती हैं।
खजुराहो की पर्यटन यात्रा के दौरान, यह कला केंद्र पर्यटकों के लिए एक शानदार स्थान है जहाँ वे क्षेत्रीय कला और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं। जवाहर कला केंद्र खजुराहो में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नृत्य महोत्सवों के लिए भी प्रसिद्ध है।
15. खजुराहो डांस फेस्टिवल (Khajuraho Dance Festival)
khajuraho paryatan sthal: खजुराहो डांस फेस्टिवल हर साल फरवरी-मार्च में आयोजित होता है। इसमें शास्त्रीय नृत्य जैसे भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी आदि का मंचन होता है। मंदिरों की पृष्ठभूमि में होने वाला यह उत्सव बहुत ही अद्भुत अनुभव होता है।
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड: 19–20 फरवरी 2025 को आयोजित शास्त्रीय नृत्य मैराथन में 139 कलाकारों ने 24 घंटे 9 मिनट तक लगातार नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना।
कला प्रदर्शनियाँ: महोत्सव में विभिन्न कला प्रदर्शनियाँ आयोजित की गईं, जिनमें शिल्पकला, चित्रकला, और हस्तशिल्प शामिल थे।
3. निष्कर्ष (Conclusion)
khajuraho paryatan sthal: खजुराहो सिर्फ ऐतिहासिक मंदिरों का शहर नहीं, बल्कि यह कला, संस्कृति, प्रकृति और आध्यात्मिकता का संगम है। अगर आप भारत की समृद्ध विरासत को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो खजुराहो जरूर जाएँ और इन 15 शानदार जगहों की खूबसूरती का आनंद लें।
FAQ
खजुराहो के किन स्थलों पर आप प्राचीन कला और शिल्प का अनुभव कर सकते हैं?
Ans. सांस्कृतिक विविधता की झलक पा सकते हैं। यहाँ उन प्रमुख स्थलों की सूची दी गई है, जहाँ खजुराहो की अद्भुत प्राचीन कला और शिल्प को नजदीक से देखा और महसूस किया जा सकता है:
Khajuraho Temple
Kandariya Mahadev Temple
लक्ष्मण मंदिर (Lakshman Temple)
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो के सबसे पुराने और संरक्षित मंदिरों में से एक है। इसकी दीवारों पर विष्णु अवतार, देवी-देवताओं, नर्तकियों और विभिन्न कलाओं को दर्शाती मूर्तियाँ हैं।
चित्रगुप्त मंदिर (Chitragupta Temple)
चित्रगुप्त मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और यहाँ की मूर्तियों में नृत्य करती हुई नर्तकियों, देवी-देवताओं और सामाजिक जीवन की झलक मिलती है। इसकी मूर्तिकला में तत्कालीन समाज और कला का सुंदर समावेश है।
भारतीय पुरातत्व संग्रहालय (Archaeological Museum)
जैन संग्रहालय (Jain Museum)