Agra Paryatan Sthal: 13 अद्भुत स्थल जो चौंका देंगे!

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Agra Paryatan sthal: आगरा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह दिल्ली से लगभग 230 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे बसा हुआ एक ऐतिहासिक शहर है। आगरा का उल्लेख सबसे पहले महाभारत में ‘अग्रवन’ के रूप में हुआ है। यह शहर मुगल साम्राज्य के दौरान प्रमुख केंद्र बना। बाबर, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ जैसे सम्राटों ने यहाँ अनेक भव्य इमारतें बनवाईं। ताज महल को बनाने में 22 साल लगे और 20,000 कारीगरों ने काम किया। आगरा पहले मुगल साम्राज्य की राजधानी था। पेठे की शुरुआत भी मुगलों के समय में हुई थी। आगरा में हर साल लाखों विदेशी पर्यटक आते हैं। आगरा के बारे में विस्तृत जानकारी यहाँ के खान-पान, पर्यटक स्थल , यहाँ की खरीददारी , घूमने का सही समय , करने योग्य चीजे, और यहाँ कैसे पहुंचे |

प्रमुख दर्शनीय स्थल (Tourist Places in Agra) (Agra Paryatan sthal)

ताज महल – प्रेम का प्रतीक, सफेद संगमरमर से बनी भव्य इमारत।

आगरा किला – मुगल साम्राज्य का शक्तिशाली गढ़।

फतेहपुर सीकरी – अकबर द्वारा बसाया गया शहर, बुलंद दरवाज़ा और सलीम चिश्ती की दरगाह यहीं हैं।

सिकंदरा – अकबर का मकबरा।

मेहताब बाग – ताज महल के सामने बसा बाग़, खासकर सूर्यास्त के समय बेहद सुंदर दृश्य।

चिनी का रोज़ा – फारसी वास्तुकला का उदाहरण।

मोती मस्जिद – शाहजहाँ द्वारा बनाई गई सफेद संगमरमर की मस्जिद।

अकबर का मकबरा (Sikandra Tomb) – सम्राट अकबर की समाधि, सुंदर वास्तुकला और बाग़ों से घिरा हुआ स्थान।

इत्माद-उद-दौला (Baby Taj) – मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण, इसे छोटे ताज महल के नाम से जाना जाता है।

रामबाग (Ram Bagh) – आगरा का सबसे पुराना मुगल गार्डन, जिसे बाबर ने बनवाया था।

मरीना बीच मार्केट और सदर बाजार – आगरा के प्रसिद्ध बाज़ार जहाँ आप पांडे के पेठे, हस्तशिल्प और संगमरमर की चीज़ें खरीद सकते हैं।

वृंदावन – राधा-कृष्ण की लीला स्थली

मथुरा – श्री कृष्ण की जन्मभूमि

और पढ़े : अलाहाबाद ट्रेवल प्लेस की पूरी जानकारी

आगरा का खाना (Famous Food of Agra)

पेठा – आगरा का सबसे प्रसिद्ध मीठा, कई स्वादों में मिलता है (केसर, अंगूरी, पान)।

दालमोठ – तीखा और कुरकुरा स्नैक।

बेडई-कचौड़ी और आलू की सब्जी – पारंपरिक आगरा का नाश्ता।

मुगलई खाना – कबाब, बिरयानी, नाहरी आदि।

खरीदारी के स्थान (Shopping in Agra)

सदर बाजार – कपड़े, जूते, हस्तशिल्प।

किनारी बाजार – पारंपरिक कपड़े और सजावटी वस्तुएँ।

ताजगंज – संगमरमर की मूर्तियाँ, ताज महल की मिनिएचर कॉपियाँ।

राजा की मंडी – लोकल मार्केटिंग के लिए बेहतरीन जगह।

घूमने का सही समय (Best Time to Visit Agra)

अक्टूबर से मार्च: मौसम ठंडा और सुहावना होता है, देखने और घूमने के लिए आदर्श समय है।

गर्मियों (अप्रैल-जून) में तापमान बहुत अधिक होता है, जिससे यात्रा कठिन हो सकती है

कैसे पहुँचें (How to Reach Agra)(Agra Paryatan sthal)

हवाई मार्ग:

रेल मार्ग:

सड़क मार्ग:

आगरा में करने योग्य चीजें (Things to Do in Agra)

ताज महल में सूर्योदय या सूर्यास्त देखना।

आगरा के स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना।

ताज महल के पास नाव की सवारी करना।

मुगल वास्तुकला की तस्वीरें खींचना।

लोकल बाजारों से हस्तशिल्प और स्मृति चिह्न खरीदना।

Agra Transportation & Restaurant Budget Table (Per Person)

CategoryOptionEstimated Cost (INR)Remarks
Travel to AgraTrain (Sleeper/General)₹100 – ₹250Budget option from Delhi, Jaipur, etc.
Train (Chair Car / 3AC)₹300 – ₹700Gatimaan Express or other fast trains
Bus (AC/Non-AC)₹300 – ₹600From nearby cities; state or private buses
Cab/Taxi (shared/self-drive)₹1,000 – ₹2,500Round trip, split cost if in group
Local TransportAuto Rickshaw / Tonga₹100 – ₹200Common near Taj Mahal & Fort
Ola/Uber/E-Rickshaw₹100 – ₹300Short city rides or full-day booking
RestaurantsStreet Food / Local Dhaba₹100 – ₹200Bedai, jalebi, chaat, petha, lassi
Mid-range Restaurant₹300 – ₹600North Indian, Mughlai, thali, buffet
High-end / Rooftop Dining₹800 – ₹1,500With Taj view, multicuisine, fine dining

आगरा एयरपोर्ट (AGR) के लिए हवाई यात्रा बजट

शहरएकतरफा किराया (INR)उड़ान विवरण
दिल्ली (DEL)₹7,389 – ₹11,8025–6 घंटे की उड़ान; स्पाइसजेट, इंडिगो, एयर इंडिया, ट्रूजेट
लखनऊ (LKO)₹2,100 – ₹4,2001–2 घंटे की उड़ान; इंडिगो
कोलकाता (CCU)₹5,514 – ₹11,4746–7 घंटे की उड़ान; इंडिगो
सूरत (STV)₹13,000 – ₹15,0007–8 घंटे की उड़ान; इंडिगो
जयपुर (JAI)₹14,000 – ₹15,0006–7 घंटे की उड़ान; इंडिगो
प्रयागराज (IXD)₹15,262 – ₹43,1511–2 घंटे की उड़ान; इंडिगो

Agra Paryatan Sthal: 13 अद्भुत स्थल जो चौंका देंगे! Uska Bistarpurvak jaankari :

1. ताज महल – प्रेम का प्रतीक, सफेद संगमरमर से बनी भव्य इमारत।

Agra Paryatan sthal: ताज महल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित एक भव्य स्मारक है। यह सफेद संगमरमर से बना एक मकबरा है जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है और यह विश्व के सात अजूबों में शामिल है। ताजमहल का बनना 1631 ई. में शुरू हुआ | ताजमहल 1653 ई. (लगभग 22 साल) में बनकर तैयार हुआ | इसको बनाने वाले मुग़ल सम्राट शाहजहाँ है | इसके निर्माण का उद्देश्य मुमताज़ महल की समाधि के रूप में है। मुमताज़ महल की मृत्यु 1631 में अपने 14वें बच्चे को जन्म देते समय हुई थी। यह एक इस्लामी, फारसी, तुर्की और भारतीय वास्तुकला शैली का मिश्रण है। पूरा ढाँचा सफेद संगमरमर से बना है जिसे राजस्थान के मकराना से लाया गया था। इसके चारों कोनों पर 4 मीनारें हैं जो हल्की झुकी हुई हैं ताकि भूकंप में मुख्य इमारत को नुकसान न पहुँचे। इसमें मुख्य गुंबद, मीनारें, बाग़-बग़ीचे, मस्जिद और मेहमानख़ाना शामिल हैं। चारों ओर सुंदर चहारदीवारी और एक विशाल जलाशय है जिसमें ताज महल का प्रतिबिंब दिखाई देता है। इसके निर्माण में कुछ दुर्लभ चीजों का प्रयोग हुआ है जैसे सफेद संगमरमर, बहुमूल्य रत्न (जैसे पन्ना, मूंगा, फ़िरोज़ा), लाल बलुआ पत्थर, और शिल्पकारों ने महीन नक्काशी और जड़ाई (inlay work) का अद्भुत काम किया है। ताज महल बनाने में 20,000 मजदूर, 1,000 हाथी और कई साल लगे। यह पूर्णतः सममित (symmetrical) संरचना है। इसका रंग दिन के समय और मौसम के अनुसार बदलता है – सुबह गुलाबी, दिन में सफेद, रात को सुनहरा। शाहजहाँ का मकबरा मुमताज़ की कब्र के बगल में है – एकमात्र असममित तत्व।

पास में खाने की जगहें (Food Near Taj Mahal) :Pinch of Spice – मशहूर मुगलई रेस्तरां, Joney’s Place – स्थानीय खाना और विदेशी व्यंजन, Shankara Vegis – शुद्ध शाकाहारी भोजन और ताजगंज और सदर बाजार में स्ट्रीट फूड भी लोकप्रिय है।

खुलने का समय (Opening Hours): प्रत्येक दिन खुला रहता है: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक | शुक्रवार को बंद रहता है: (केवल नमाज़ के लिए मुस्लिमों के लिए खुला रहता है) | रात्रि दर्शन: पूर्णिमा, पूर्णिमा से पहले और बाद की रात (रात्रि 8:30 से 12:30 बजे तक)

घूमने की सलाह (Tips for Visitors): ताज महल में खाद्य सामग्री, मोबाइल चार्जर, तंबाकू, ड्रोन और सिगरेट ले जाना मना है। कैमरा ले जा सकते हैं, लेकिन मुख्य समाधि कक्ष में फोटो खींचना वर्जित है। भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी पहुँचना बेहतर होता है। गाइड या ऑडियो गाइड लेना उपयोगी हो सकता है।

कैसे पहुँचे (How to Reach Taj Mahal)(Agra Paryatan sthal)

रेल मार्ग: निकटतम स्टेशन: आगरा कैंट रेलवे स्टेशन (6 किमी दूर) | यहाँ से टैक्सी, ऑटो या ई-रिक्शा से पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग: दिल्ली, जयपुर, लखनऊ आदि शहरों से सीधी बस सेवा। यमुना एक्सप्रेसवे द्वारा दिल्ली से सिर्फ 3 घंटे में।

हवाई मार्ग: आगरा एयरपोर्ट (Kheria Airport) – घरेलू उड़ानों के लिए उपलब्ध। निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली

प्रवेश शुल्क (Taj Mahal Ticket Price)(Agra Paryatan sthal)

श्रेणीटिकट शुल्क (INR)
भारतीय पर्यटक₹50
SAARC देशों के नागरिक₹540
विदेशी पर्यटक₹1100
15 वर्ष से कम उम्रनिःशुल्क

2. आगरा किला – मुगल साम्राज्य का शक्तिशाली गढ़।

Agra Paryatan sthal: आगरा किला उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित एक विशाल ऐतिहासिक किला है। यह यमुना नदी के किनारे स्थित है और ताज महल से लगभग 2.5 किमी की दूरी पर है। यह किला मुग़ल साम्राज्य की राजनीतिक शक्ति और वैभव का प्रमुख केंद्र था। मूल रूप से 11वीं शताब्दी में राजपूतों द्वारा बनाया गया था। 1526 में इब्राहीम लोदी ने इसे दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनाया। 1556 में मुगल सम्राट अकबर ने इसे जीत लिया और इसे लाल पत्थर से बनवाकर एक विशाल दुर्ग का रूप दिया। बाद में शाहजहाँ ने इसमें संगमरमर का उपयोग कर इसे और भव्य बना दिया। यह किला न केवल एक सैन्य ठिकाना था, बल्कि सम्राटों का निवास स्थान भी था। किला लाल बलुआ पत्थर से बना है, इसलिए इसे “लाल किला” भी कहा जाता है (हालाँकि यह दिल्ली के लाल किले से अलग है)। इसके चारों ओर एक गहरी खाई बनी हुई थी।

3. फतेहपुर सीकरी – अकबर द्वारा बसाया गया शहर, बुलंद दरवाज़ा और सलीम चिश्ती की दरगाह यहीं हैं।

Agra Paryatan sthal: फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। इसे मुग़ल सम्राट अकबर ने 16वीं शताब्दी में अपनी राजधानी के रूप में बसाया था। यह शहर आज भी अपनी वास्तुकला, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। फतेहपुर सीकरी की नींव अकबर ने 1571 ई. में रखी थी। अकबर की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती से आशीर्वाद लिया। जब अकबर को पुत्र (जहाँगीर) प्राप्त हुआ, तो उन्होंने आभार स्वरूप यहाँ एक भव्य नगर बसाया। यह शहर लगभग 15 वर्षों तक मुग़ल राजधानी रहा। जल की कमी और अन्य प्रशासनिक कारणों से अकबर को इसे छोड़कर लाहौर जाना पड़ा।

4. सिकंदरा – अकबर का मकबरा।(Agra Paryatan sthal)

Agra Paryatan sthal: सिकंदरा आगरा का एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जहाँ पर मुग़ल सम्राट अकबर महान का मकबरा स्थित है। यह मकबरा आगरा शहर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है और यह मुग़ल स्थापत्य का एक अद्भुत उदाहरण है। इस मकबरे का निर्माण अकबर ने स्वयं अपनी जीवित अवस्था में शुरू करवाया था। अकबर की मृत्यु के बाद, उनके पुत्र जहाँगीर ने इसे 1613 ई. में पूरा करवाया। यह मकबरा मुग़ल, हिन्दू, बौद्ध, जैन और इस्लामी शैलियों का मिश्रण है। इसे लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है।

प्रवेश शुल्क (Entry Fees)

श्रेणीशुल्क (INR)
भारतीय पर्यटक₹30
विदेशी पर्यटक₹310
SAARC/बिम्सटेक देश₹35
15 वर्ष से कम उम्रनिःशुल्क

खुलने का समय (Timings): खुला रहता है: प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक

कैसे पहुँचें (How to Reach Sikandra) : स्थान: आगरा-दिल्ली हाईवे पर, आगरा शहर से लगभग 10 किमी दूर | रेलवे स्टेशन से दूरी: आगरा कैंट स्टेशन से लगभग 12 किमी | आगरा फोर्ट स्टेशन से: 10-15 मिनट की दूरी

5. मेहताब बाग – ताज महल के सामने बसा बाग़, खासकर सूर्यास्त के समय बेहद सुंदर दृश्य।

Agra Paryatan sthal: मेहताब बाग, जिसका अर्थ है “चाँदनी बाग़” या “मूनलाइट गार्डन”, ताज महल के ठीक सामने यमुना नदी के पार स्थित एक सुंदर मुगल उद्यान है। यह ताज महल का प्रतिबिंब देखने का सबसे बेहतरीन स्थान माना जाता है, खासकर सूर्यास्त के समयमुगल सम्राट बाबर ने इस बाग़ की शुरुआत की थी, जिसे बाद में शाहजहाँ ने और विकसित करवाया। ऐसा कहा जाता है कि शाहजहाँ ताज महल के सामने एक काला ताज महल बनाना चाहते थे और मेहताब बाग उसी की जगह चुनी गई थी। 1990 के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। बाग़ की खुदाई के दौरान ताज महल के प्रतिबिंब के लिए बना एक बड़ा तालाब भी खोजा गया।

प्रवेश शुल्क (Entry Fees)

श्रेणीशुल्क (INR)
भारतीय नागरिक₹25
विदेशी पर्यटक₹300
बच्चे (15 वर्ष तक)निःशुल्क

खुलने का समय (Timings): रोज़ाना खुला: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक | सबसे अच्छा समय: सूर्यास्त से एक घंटा पहले पहुँचना बेहतर होता है | समर में: शाम को ठंडी हवा के साथ घूमने का अनुभव शानदार होता है |

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6. चिनी का रोज़ा – फारसी वास्तुकला का उदाहरण।

चिनी का रोज़ा उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित एक सुंदर और अनोखा मकबरा है। यह मकबरा मुख्य रूप से अपनी फारसी वास्तुकला और चीनी टाइलों की सजावट के लिए जाना जाता है। यह मकबरा मुग़ल काल में बनाए गए सबसे अलग और कलात्मक स्मारकों में से एक है। चिनी का रोज़ा का निर्माण 1635 ई. में हुआ था। यह मकबरा अफ़ज़ल ख़ान शिराज़ी का है, जो मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के दरबार में एक प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री (Wazir) और कवि थे। अफ़ज़ल ख़ान मूलतः ईरान (फारस) के शिराज़ शहर से थे। इसका सबसे बड़ा आकर्षण है – “चीनी टाइलों” (Glazed Tiles) से की गई सजावट, जो ईरान से मँगाई गई थीं। इसलिए इसे “चिनी का रोज़ा” कहा जाता है — “चिनी” का मतलब यहाँ है चीनी या काँच की रंगीन टाइलें। यह एत्मादपुर रोड, यमुना नदी के किनारे, आगरा पे बसा है |

खुलने का समय (Timings): रोज़ खुला रहता है: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक

कैसे पहुँचें (How to Reach Chini Ka Rauza): ताज महल से: रिक्शा, ऑटो या कैब से 10 मिनट | आगरा फोर्ट से दूरी: लगभग 3 किमी | Google Maps पर “Chini Ka Rauza” सर्च करें — रास्ता आसान है।

7. मोती मस्जिद – शाहजहाँ द्वारा बनाई गई सफेद संगमरमर की मस्जिद।

मोती मस्जिद, जिसका अर्थ है “मोती जैसी सुंदर मस्जिद“, एक शानदार सफेद संगमरमर से बनी मस्जिद है, जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने बनवाया था। यह मस्जिद आगरा किले के भीतर स्थित है और इसकी गिनती मुगल स्थापत्य कला के बेहतरीन उदाहरणों में होती है। मोती मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ ने 1648 से 1654 ई. के बीच करवाया। यह मस्जिद खासतौर पर दरबार के शाही कर्मचारियों और खास लोगों के लिए बनाई गई थी। इसे “मोती” नाम इसलिए मिला क्योंकि इसका सफेद रंग और चमकदार रूप किसी चमकते मोती जैसा लगता है। इसके अंदर साफ-सुथरी मेहराबें, नक्काशीदार खंभे और फर्श पर सफेद-काले पत्थरों से बनी नमाज़ की पंक्तियाँ हैं। यह आगरा किला परिसर, आगरा, उत्तर प्रदेश में है |

प्रवेश शुल्क (Entry Fees)

श्रेणीशुल्क (INR)
भारतीय नागरिक₹50
विदेशी नागरिक₹650
15 वर्ष से कम उम्रनिःशुल्क

8. अकबर का मकबरा (Sikandra Tomb) – सम्राट अकबर की समाधि, सुंदर वास्तुकला और बाग़ों से घिरा हुआ स्थान।

अकबर का मकबरा, जिसे सिकंदरा का मकबरा (Sikandra Tomb) भी कहा जाता है, मुग़ल सम्राट अकबर महान की समाधि है। यह मकबरा आगरा के पास सिकंदरा क्षेत्र में स्थित है और यह मुग़ल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे शांत बाग़ों, सुंदर संरचना और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। अकबर की मृत्यु 1605 ई. में हुई, और उसके बाद उनके पुत्र जहाँगीर ने इस मकबरे का निर्माण 1613 ई. में पूरा करवाया। यह मकबरा न केवल उनकी समाधि है, बल्कि उनकी सहिष्णु, सांस्कृतिक और वास्तुकला प्रिय सोच का प्रतीक भी है | भीतर की असली समाधि (cenotaph) एक साधारण कक्ष में बनी है, जो शांति और सादगी का प्रतीक है। मुख्य भवन चार मंज़िलों का है, और ऊपर की मंज़िल पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बनी है। परिसर में कई जानवर जैसे हिरण, मोर, नीलगाय और बंदर भी देखे जा सकते हैं।

खुलने का समय (Timings) : रोज़ाना खुला: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक | समय सुझाव: सुबह का समय या शाम को सूर्यास्त के आसपास सबसे सुंदर दृश्य मिलता है।

प्रवेश शुल्क (Entry Fees)

श्रेणीशुल्क (INR)
भारतीय नागरिक₹30
विदेशी नागरिक₹310
SAARC/बिम्सटेक देश₹50
15 वर्ष से कम उम्रनिःशुल्क

9. इत्माद-उद-दौला (Baby Taj) – मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण, इसे छोटे ताज महल के नाम से जाना जाता है।

Agra Paryatan sthal: इत्माद-उद-दौला का मकबरा आगरा का एक बेहद सुंदर और ऐतिहासिक स्थल है, जिसे अक्सर “बेबी ताज (Baby Taj)” के नाम से जाना जाता है। यह मुग़ल काल की पहली पूरी संगमरमर से बनी इमारत है और ताज महल के निर्माण की प्रेरणा मानी जाती है। इस मकबरे का निर्माण मुग़ल सम्राट जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ ने अपने पिता मीरज़ा ग़ियास बेग की याद में करवाया था। मीरज़ा ग़ियास बेग को जहाँगीर दरबार में “इत्माद-उद-दौला” की उपाधि दी गई थी, जिसका अर्थ है “राज्य का स्तंभ”। यह मकबरा 1622 से 1628 ई. के बीच बनकर तैयार हुआ। यह मकबरा 1622 से 1628 ई. के बीच बनकर तैयार हुआ। इसे “बेबी ताज” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका डिजाइन और वास्तुकला ताज महल से मिलती-जुलती है। यह मुघलपुरा, आगरा, उत्तर प्रदेश में है | Google Maps पर सर्च करें: “Itmad-ud-Daulah’s Tomb” |

खुलने का समय (Timings) : प्रत्येक दिन खुला: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक | भीड़ कम होने के कारण यहां शांति और फोटोग्राफी का बेहतरीन मौका मिलता है।

प्रवेश शुल्क (Entry Fees)

श्रेणीशुल्क (INR)
भारतीय नागरिक₹30
विदेशी नागरिक₹310
15 वर्ष से कम उम्रनिःशुल्क

10. रामबाग (Ram Bagh) – आगरा का सबसे पुराना मुगल गार्डन, जिसे बाबर ने बनवाया था।

Agra Paryatan sthal: रामबाग, जिसे पहले आराम बाग़ भी कहा जाता था, आगरा का सबसे पुराना और ऐतिहासिक मुग़ल बाग़ (Mughal Garden) है। इसे मुग़ल सम्राट बाबर ने बनवाया था। यह बाग़ यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसकी योजना पारंपरिक चारबाग शैली में बनाई गई थी। यह स्थल शांति, हरियाली और इतिहास का सुंदर संगम है। यह लगभग 1528 ई. में बना था | इसके निर्माता मुग़ल सम्राट बाबर, जो भारत में मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक थे। यह बाग़ मूल रूप से बाबर के विश्राम और शांति के लिए बनवाया गया था, इसलिए इसका नाम आराम बाग़ रखा गया था, जिसका अर्थ है – विश्राम का बाग़।

11. मरीना बीच मार्केट और सदर बाजार – आगरा के प्रसिद्ध बाज़ार जहाँ आप पांडे के पेठे, हस्तशिल्प और संगमरमर की चीज़ें खरीद सकते हैं।

Agra Paryatan sthal: सदर बाजार आगरा का सबसे प्रसिद्ध और व्यस्त बाजार है। यह बाजार कैंटोनमेंट क्षेत्र में स्थित है और यहाँ हर दिन हजारों स्थानीय लोग और पर्यटक खरीदारी के लिए आते हैं। यह जगह पांडे के पेठे, हस्तशिल्प, संगमरमर की कलाकृतियाँ, चमड़े के सामान, और कपड़ों के लिए मशहूर है। खुला रहता है: दोपहर 11:00 बजे से रात 10:00 बजे तक | साप्ताहिक अवकाश: मंगलवार को बंद रहता है |

क्या करें (Things to Do)

स्ट्रीट शॉपिंग का मज़ा लें, स्वादिष्ट पेठे और नमकीन चखें, लोकल कला और संस्कृति को करीब से देखें और अगर बारगेनिंग (मोल-भाव) में अच्छे हैं, तो यह आपके लिए परफेक्ट जगह है |

12. वृंदावन – राधा-कृष्ण की लीला स्थली(Agra Paryatan sthal)

वृंदावन, जो उत्तर प्रदेश के Mathura जिले में स्थित है, हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह स्थान विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण और राधा जी के साथ जुड़ा हुआ है। वृंदावन का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ भगवान कृष्ण ने अपनी बाल्यकाल की लीलाएं और राधा के साथ प्रेम की कथाएं मचाई थीं। यहाँ की हर गली, मंदिर और बाग़ में राधा और कृष्ण की उपस्थिति का अहसास होता है। वृंदावन का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह श्री कृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण अपने बचपन और युवावस्था के अधिकतर वर्ष यहाँ बिताए थे, जहाँ उन्होंने अपनी गौवों के साथ बंसी बजाई और राधा के साथ प्रेम लीला की। वृंदावन का नाम “वृक्षों के बाग़” से पड़ा है, क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत सारे वृक्ष और बाग़ थे, जो कृष्ण की लीलाओं का साक्षी बने। इसे “गोकुल” और “ब्रज भूमि” के अंतर्गत भी माना जाता है, जहां भगवान कृष्ण ने अपनी गोविंद लीलाओं का प्रदर्शन किया।

कैसे पहुँचे वृंदावन? (How to Reach Vrindavan?)

हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (दिल्ली) है, जो वृंदावन से लगभग 160 किमी दूर है।

रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है, जो वृंदावन से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है।

13. मथुरा – श्री कृष्ण की जन्मभूमि(Agra Paryatan sthal)

मथुरा, जो उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में स्थित है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। मथुरा को भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। यह शहर श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं का केंद्र रहा है। मथुरा न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यहां की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी बहुत महत्वपूर्ण है। मथुरा का नाम भगवान श्री कृष्ण के जन्म के साथ जुड़ा हुआ है, जो यहाँ के काराग्रह (कारागार) में पैदा हुए थे।

क्या करें और देखें (Things to Do and See)

मंदिरों का दौरा करें: मथुरा के प्रमुख मंदिरों जैसे श्री कृष्ण जन्मभूमि, गोवर्धन पर्वत, और वृंदावन के मंदिरों का दौरा करें।

कृष्ण भक्ति का अनुभव लें: यहां की कीर्तन, भजन और पूजा विधियाँ अद्भुत हैं।

पारंपरिक ब्रजस्थली संस्कृति का आनंद लें: मथुरा और वृंदावन की गलियों में घूमकर आप यहाँ की पारंपरिक कला और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।

गोपियों और कृष्ण की लीलाओं का अवलोकन: गोवर्धन पर्वत पर पैदल यात्रा करें और कृष्ण की लीलाओं को महसूस करें।

तैयार हो जाएं रंगों से खेलते हुए: मथुरा में होली का उत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहाँ आप रंगों और मस्ती के बीच कृष्ण की लीला का अनुभव कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Agra Paryatan sthal: आगरा, जो भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अपने अद्भुत और प्राचीन पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख स्थल जैसे ताज महल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, और सिकंदरा न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। आगरा के इन ऐतिहासिक स्थलों में न केवल भारतीय शाही इतिहास की गाथाएँ छिपी हुई हैं, बल्कि यहां की वास्तुकला और कला की अनूठी झलक भी देखने को मिलती है।

FAQ

फतेहपुर सीकरी क्यों यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है?

Ans. फतेहपुर सीकरी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल इसलिए है क्योंकि यह मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट और अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिसमें इस्लामी, हिंदू और पारसी वास्तुकला शैलियों का समन्वय देखने को मिलता है। इसे मुगल सम्राट अकबर ने 1571 में बसाया था और यह उनके शासनकाल की राजधानी भी रही। फतेहपुर सीकरी में कई भव्य स्मारक हैं जैसे बुलंद दरवाजा, जामा मस्जिद, दीवान-ए-खास, पंचमहल और सूफी संत शेख सलीम चिश्ती का मकबरा, जो स्थापत्य कला और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक हैं।

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